क्वांटम कंप्यूटिंग: तकनीक का भविष्य
कम्पयूटर यह एक शब्द सुनकर आपको मन मे जो भी विचार आता है क्या आप उसको विस्तार से बता सकते हैं जी हॉ कंम्प्यूटर इस एक शब्द को सुनकर आजकल के युवा बढें हुए है वही कम्प्यूटर उनके साथ साथ बदलता चला गया है आज कल का कम्प्यूटर केवल गणना तक ही सीमित नहीं रह गया है क्वांटम कम्प्यूटर जिसें हम तकनीक का भविष्य कह सकते हैं यह आज की सबसे चर्चित और क्रांतिकारी तकनीकों में से एक है क्वांटम कम्प्यूटर एक ऐसी तकनीक है जो हमारी किताबों में से निकलकर वास्तविकता में बदलती जा रही है हमारे पुराने आमतौर पर प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर जो हमारे पिछले कई देशकों के साथी रहें हैं बाइनरी सिस्टम (0 और 1) पर काम करते हैं लेकिन क्वांटम कंप्यूअर इससे बहुत आगें कि बात है यह क्वांटम कम्प्यूटर यांत्रिकी के सिद्धान्तों-सुपरपोजिशन,उलझाव (एंटेंगलमेंट) और हस्तक्षेप (इंटरफेरेंस) – का उपयोग करता है जिसके कारण यह जटिल समास्याओं को हल करनें में सक्षम है जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिए असंभव है
2025 में आज क्वांटम कंप्यूटिंग अब केवल सैद्धांतिक चर्चा या प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नही रह गया है यह आजकल वास्तविक जीवन पर प्रभाव डाल रही है चाहे वह कोई भी फील्ड हो दवा की खोज हो या जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए अनेक प्रकार के कार्य आज हम अपने ब्लॉग में क्वांटम कम्प्युटिंग के अनेक प्रकार के कार्य को उसकी चुनौतियों को और उसके भाविष्य की संभावनाओं को विस्तार से समझेंगें यदि आप क्वांटम कंप्युटिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए एक दम उचित है तो चलिए शुरू से शुरू करते हैं
क्वांटम कंप्यूटिंग के सिद्धान्त
क्वांटम कंप्यूटिंग का इतिहास
जैसे की आप जानते है ही कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है उसी प्रकार से मानव जितना विकसित होता जाता है उसकी आवश्यकता भी उतनी ही बढती जाती है क्वांटम कंप्यूटिंग का विचार 20 वी सदी के प्रारम्भ में शुरू हुआ 1980 में भौतिकशास्त्री रिचर्ड फेनमैन ने प्रस्ताव रखा कि क्वांटम स्सिटम को सिम्युलेट करने के लिए हमें क्वांटम मशीनों की जरूरत होगी क्योकि आमतौर पर प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर इस कार्य को करने में असमर्थ है इसके बाद 1985 में डेविड डच ने क्वांटम टयूरिंग मशीन का विचार दिया । लेकिन असली सफलता 1994 मे आई जब पीटर शोर ने शोर का एल्गोरिदम विकसित किया जो बड़े संख्याओं को तेजी से फैक्टराइज़ कर सकता था एक ऐसी प्रक्रिया जो क्रप्टिोग्राफी को तोड सकती है
1990 के दशक मे पहली बार कोई प्रयोगात्मक क्वांटम कंप्यूटिंग मशीन बनाई गई 2011 में D-Wave ने पहला व्यावसायिक क्वांटम कंम्प्यूटर पेश किया हालंकि यह पूर्ण क्वांटम कम्प्यूटर नहीं था इसी रेस में गुगल भी उतरा और उसने क्वांटम सुप्रीमेसी का दावा किया जब उसके sycamro प्रोसेसर ने किसी एक कार्य को करने मे 200 सेकंड का समय लिया जिसे किसी सुपरंप्युुटर को करने में 10000 साल लगते इसी रेस में IBM जैसी कंपनीयां भी तेजी से आगे बढ़ रही है
क्वांटम कंप्यूटिंग का प्रयोग
दवा और रसायन विज्ञान :-
इसी के कारण जटिल अणुओं को सिमुलेशन करके नई दवाओं की खोज तेज हो रही हे उदाहरण के लिए प्रोटीन फोल्डिंग की समस्या को हल करना अब आसान हो सकता है
कृत्रिम बुद्धिमता
वर्तमान स्थित और प्रगति
आज के समय में क्वांटम कंप्युटिंग एक परिवर्तनकारी चरण में है IBM अपने क्वांटम प्रोसेसर Eagle or Condor के साथ अभी तक 1000+ क्यूबिटस की क्षमता तक पहुँचने में सफल हो चुकी है इसी के साथ google का sycamore और उसका अगला संस्करण व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर काम कर रहा है स्टार्टअप्य जैसे Rigetti or IOnQ भी क्वांटम हार्डवयर और साफ्टवंयर मे नये प्रयोग कर रहें हे
इसी के साथ साथ क्वांटम क्लाउड सेवाएँ उभर रही है अनेक कम्पनीयॉं डेवलपर्स को क्वाटम कंप्यूटंिग तक पहुँच प्रदान कर रही है जिससे छोटे व्यवसाय और शोधकर्ता भी उसका उपयोग कर सकते हे भारत में सरकार और IIT जैसे संस्थान क्वांटम तकनीक पर निवेश कर रहे हैं जिससे भविष्य में यहां भी प्रगति की उम्मीद मिलती है
भविष्य की संभावनाएँ
जैसा की सभी जानते है कि आने वाला दशक में क्वांटम कंप्युटिंग उघोागों अर्थवयवस्था और समाज को बदल सकता है विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक क्वांटम कम्प्यूटर व्यावायकि रूप से आसानी से प्रयोग किया जा सकता है जिसके कारण वैज्ञानिक खोजों मे तेजी आ सकती है बल्कि नई नौकरियों और व्यवस्य भी उत्पन्न हो सकते हैं जहां तक भारत का सवाल है यह तकनिक भारत के लिए एक गेम चंजिग साबित हो सकती है यह भारत के कृषि के और स्वास्थ ,शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति ला सकती है भारत सरकार दुुवार चलाई जा रही नेशनल क्वांटम मिशन जैसी पहल इस दिशा में एक सच्चा और अच्छा कदम है
क्वांटम कंप्युटर मानवता के लिए एक नई संभावना का दरवाजा है यह तकनीक हमे अंतरिक्ष से लेकर हमारी प्रथ्वी को समझनें में अंसभव को संभव बनाने की शक्ति देती ै क्या आप इस इस क्रांति का हिस्सा बनना चाहते है तो अपनी जिज्ञासा हो जीतिव रखें आने वाले कल की इस यात्रा में शामिल हो
महत्वपूर्ण नोट:-हम आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होगों यदि आपका कोई अन्य प्रश्न हो किसी भी विषय पर तो आप हमे comment में बता सकते है या हमें email. भी कर सकते हैं हम आपको निराश नहीं करेंगें




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